ज्वालामुखी देवी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कांगड़ा से करीब दो घण्टे की दूरी पर है। ज्वालामुखी एक शक्तिपीठ है जहाँ देवी सती की जीभ गिरी थी। सभी शक्तिपीठों में यह शक्तिपीठ अनोखा इसलिए माना जाता है कि यहाँ ना तो किसी मूर्ति की पूजा होती है ना ही किसी पिंडी की, बल्कि यहाँ पूजा होती है धरती के अन्दर से निकलती ज्वाला की।धरती के गर्भ से यहाँ 11 स्थानों पर आग की ज्वाला निकलती रहती है। इन्ही पर मंदिर बना दिया गया है और इन्ही पर प्रसाद चढ़ता है। आज के आधुनिक युग में रहने वाले हम लोगों के लिए ऐसी ज्वालायें कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि पृथ्वी की अंदरूनी हलचल के कारण पूरी दुनिया में कहीं ज्वाला कहीं गरम पानी निकलता रहता है। कहीं-कहीं तो बाकायदा पावर हाऊस भी बनाए गए हैं, जिनसे बिजली उत्पादित की जाती है। लेकिन यहाँ पर यही तो चमत्कार है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति .सराहनीय अभिव्यक्ति . अफ़सोस ''शालिनी''को ये खत्म न ये हो पाते हैं . आप भी जाने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग
ये सच में ओराकृति का चमत्कार है ...
अच्छी जानकारी ...
कई बार यहाँ जाना हुआ है।